बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस का असली चेहरा आया सामने! हिंदुओं की अगुवाई करने वाले इस्कॉन धर्मगुरु के खिलाफ देशद्रोह का केस

ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस अब सीधे हिंदुओं के दमन पर उतर आए हैं। हिंदुओं पर हमले रोकने में नाकाम यूनुस सरकार अब इन अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने वाले हिंदू नेताओं और धर्मगुरुओं के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर र

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ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस अब सीधे हिंदुओं के दमन पर उतर आए हैं। हिंदुओं पर हमले रोकने में नाकाम यूनुस सरकार अब इन अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने वाले हिंदू नेताओं और धर्मगुरुओं के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर रही है। बांग्लादेश के प्रमुख हिंदू धार्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी समेत कई अन्य लोगों के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है। इन सभी के ऊपर 25 अक्तूबर को चटगांव में न्यू मार्केट चौराहे पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने का आरोप लगा है।
चिन्मय कृष्ण समेत सभी लोगों के खिलाफ 30 अक्तूबर को पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चटगांव मेट्रोपॉलिटन पुलिस के एडिशनल डेप्युटी कमिश्नर काजी मोहम्मद तारेक अजीक ने बताया कि इस मामले में राजेश चौधरी और हृदय दास नाम के दो लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

हिंदू नेताओं को डराने की कोशिश?

बांग्लादेश की यूनुस सरकार हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को चुप कराना चाहती है। बांग्लादेश सनातन स्वर्णिम भारत न्यूज़ मंच के नेता चिन्मय कृष्ण दास 5 अगस्त को शेख हसीना के जाने के बाद से हिंदुओं पर हमलों के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों में सबसे आगे रहे हैं। 25 अक्तूबर को हिंदुओं ने चटगांव में बड़ी सभा की थी, जिसमें चिन्मय कृष्ण ने कट्टरपंथियों को सीधी चुनौती दी थी।

उन्होंने कहा, 'अगर कोई हमें इस देश से बेदखल करके शांति से रहना चाहता है, तो यह अफगानिस्तान या सीरिया बन जाएगा। कोई लोकतांत्रिक ताकत नहीं होगी। बांग्लादेश सांप्रदायकिता का जंगल बन जाएगा।' पुलिस की चार्जशीट में चिन्मय कृष्ण दास और अन्य पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करके देशद्रोह में शामिल होने का आरोप लगाया गया है, जिसका उद्येश्य देश की संप्रभुता को कमजोर करना और अशांति पैदा करना था।


FIR के पीछे यूनुस सरकार

प्रमुख हिंदू नेताओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज करके यूनुस सरकार देश के अल्पसंख्यकों को डराना चाह रही है। इंडिया टुडे ने बांग्लादेशी विशेषज्ञों के हवाले से बताया है कि बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के अधिकारियों की मंजूरी के बिना देशद्रोह का मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है। ऐसे मामलों में पुलिस स्टेशन का प्रभारी अधिकारी खुद आगे नहीं बढ़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 18 लोगों पर नामजद एफआईआर के साथ ही 18-20 अज्ञात लोगो का भी उल्लेख है। इससे मामले में अन्य लोगों का नाम जोड़ने की गुंजाइश बनी हुई है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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